नव दुर्गा के पाठ का छठा है
यह अध्याय
जिसके पढने सुनने से जीव मुक्त हो जाए॥
ऋषिराज कहने लगे सुन राजन मन लाये
दूत ने आकर शुम्भ को दिया हाल बतलाये॥
सुन कर सब व्रतांत को हुआ क्रोध से लाल
धूम्र-लोचन सेनापति बुला लिया तत्काल॥
आज्ञा दी उस असुर को सेना लेकर जाओ
केशो हो तुम पकड कर, उस देवी को लाओ॥
पाकर आज्ञा शुम्भ की चला दैत्य बलवान
सेना साथ हजार ले जल्दी पौह्चा आन॥
देखा हिमालय शिखर पर बैठी जगत आधार
क्रोध से तब सेनापति बोला यूं ललकार॥
चलो ख़ुशी से आप ही मम स्वामी के पास
नहीं तो गौरव का तेरे कर दूंगा मै नाश॥
सुने भवानी ने वचन बोलो तज अभिमान
देखूँ तो सेनापति कितना है बलवान॥
मै अबला तव हाथ से कैसे जान बचाऊं
बिना युद्ध पर किस तरह साथ तुम्हारे जाऊं॥
लड़ने को आगे बढ़ा सुन कर वचन दलेर
दुर्गा ने हुंकार से किया भस्म का ढेर॥
सेना तब आगे बढ़ी चले तीर पर तीर
कट कट कर गिरने लगे सिर से जुदा शरीर॥
माँ ने तीखे बाणों की वो वर्षा बरसाई
दैत्यों की सेना सभी गिरी भूमि पे आई॥
सिंह ने भी कर गर्जना लाखों दिए संहार
सीने दैत्यों के दिए निज पंजो से फाड़॥
लाशों के थे लग रहे रण भूमि में ढेर
चहुँ तरफा था फिर रहा जगदम्बा का शेर॥
जिसके पढने सुनने से जीव मुक्त हो जाए॥
ऋषिराज कहने लगे सुन राजन मन लाये
दूत ने आकर शुम्भ को दिया हाल बतलाये॥
सुन कर सब व्रतांत को हुआ क्रोध से लाल
धूम्र-लोचन सेनापति बुला लिया तत्काल॥
आज्ञा दी उस असुर को सेना लेकर जाओ
केशो हो तुम पकड कर, उस देवी को लाओ॥
पाकर आज्ञा शुम्भ की चला दैत्य बलवान
सेना साथ हजार ले जल्दी पौह्चा आन॥
देखा हिमालय शिखर पर बैठी जगत आधार
क्रोध से तब सेनापति बोला यूं ललकार॥
चलो ख़ुशी से आप ही मम स्वामी के पास
नहीं तो गौरव का तेरे कर दूंगा मै नाश॥
सुने भवानी ने वचन बोलो तज अभिमान
देखूँ तो सेनापति कितना है बलवान॥
मै अबला तव हाथ से कैसे जान बचाऊं
बिना युद्ध पर किस तरह साथ तुम्हारे जाऊं॥
लड़ने को आगे बढ़ा सुन कर वचन दलेर
दुर्गा ने हुंकार से किया भस्म का ढेर॥
सेना तब आगे बढ़ी चले तीर पर तीर
कट कट कर गिरने लगे सिर से जुदा शरीर॥
माँ ने तीखे बाणों की वो वर्षा बरसाई
दैत्यों की सेना सभी गिरी भूमि पे आई॥
सिंह ने भी कर गर्जना लाखों दिए संहार
सीने दैत्यों के दिए निज पंजो से फाड़॥
लाशों के थे लग रहे रण भूमि में ढेर
चहुँ तरफा था फिर रहा जगदम्बा का शेर॥
धूम्रलोचन और सेना के मरने का सुन हाल
दैत्य राज की क्रोध से हो गई आंखें लाल॥
चंड मुंड तब दैत्यों से बोला यूं ललकार
सेना लेकर साथ तुम जाओ हो होशियार॥
मारो जाकर सिंह को देवी लाओ साथ
जीती गर ना आये तो करना उसका घात॥
देखूंगा उस अम्बे को है कितनी बलवाली
जिसने मेरी सेना यह मार सभी डाली॥
आज्ञा पाकर शुम्भ की चले दैत्य बलवीर
‘भक्त' इन्हें ले
जा रही मरने को तकदीर॥
बोलिए जय माता मुरारी देवी जी की।
Play Real Money Online Casino Site - Lucky Club
जवाब देंहटाएंReal Money Online Casino Games Online · Roulette, luckyclub.live Blackjack, Slots, Video Poker, Video Poker · Blackjack, Slots · Craps, Baccarat, Video Poker.